Sonu Nigam "Fiza (फ़िज़ा)" paroles

Traduction vers:en

Fiza (फ़िज़ा)

फ़िज़ा...हे फ़िज़ा...

तू हवा है फ़िज़ा है ज़मीं की नहींतू घटा है तो फिर क्यों बरसती नहींउड़ती रहती है तू पंछियों की तरहआ मेरे आशियाने में आ

मैं हवा हूँ कहीं भी ठहरती नहींरुक भी जाऊँ कहीं पर तो रहती नहींमैं तिनके उठाये हैं मेरे परों परआशियाना नहीं है मेरा

घने एक पेड़ से मुझे झोंका कोई लेके आया हैसूखे इक पत्ते की तरह हवा ने हर तरफ़ उड़ाया है

आ न आहे आ न आ इक दफ़ाइस ज़मीन से उठेंपाँव रखें हवा पर ज़रा सा उड़ें

चल चलें हम जहाँ कोई रस्ता न हो

कोई रहता न हो कोई बसता नो हो

कहते हैं आँखों में मिलती है ऐसी जगह

फ़िज़ा...

तुम मिले तो क्यों लगा मुझे ख़ुद से मुलाक़ात हो गईकुछ भी तो कहा नहीं मगर ज़िन्दगी से बात हो गई

आ ना आहे आ ना आ साथ बैठें ज़रा देर कोहाथ थामे रहें औरकुछ न कहें

छूके देखें तो आँखों की ख़ामोशियाँ

कितनी चुप-चाप होती हैं सरगोशियाँ

सुनते हैं आँखों में होती है ऐसी सदा

फ़िज़ा...

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