Kahan Se Aaye Badra
कहाँ से आए बदराघुलता जाए कजरा
पलकों के सतरंगे दीपकबन बैठे आँसू की झालरमोती का अनमोलक हीरामिट्टी में जा फिसलाकहाँ से आए बदरा...
नींद पिया के संग सिधारीसपनों की सूखी फुलवारीअमृत होठों तक आते हीजैसे विष में बदलाकहाँ से आए बदरा...
उतरे मेघ या फिर छायेनिर्दय झोंके अगन बढ़ायेबरसे हैं अब तोसे सावनरोए मन है पगलाकहाँ से आये बदरा...