आदमी आदमी को क्या देगा (Admi Admi Ko Kya Dega)
आदमी आदमी को क्या देगाजो भी देगा वहीं खुदा देगा
मेरा कातिल ही मेरा मुन्सिफ हैंक्या मेरे हक़ में फैसला देगा
जिन्दगी को करीब से देखोइसका चेहरा तुम्हें रुला देगा
हमसे पूछो दोस्ती का सिलादुश्मनों का दिल हिला देगा
इश्क का जहर पी लिया फ़ाकिरअपने मसीहा भी क्या दवां देगा