Kishore Kumar "Admi Jo Kehta Hai (आदमी जो कहता हैं )" paroles

Admi Jo Kehta Hai (आदमी जो कहता हैं )

कभी सोचता हूँ के मैं कुछ कहूकभी सोचता हूँ के मैं चूप रहू

आदमी जो कहता हैं, आदमी जो सुनता हैंजिंदगीभर वो सदाये पीछा करती हैंआदमी जो देता हैं, आदमी जो लेता हैंजिंदगीभर वो दुवायें पीछा करती हैं

कोई भी हो हर ख्वाब तो सच्चा नहीं होताबहोत ज़्यादा प्यार भी अच्छा नहीं होताकभी दामन छुड़ाना हो तो मुश्किल होप्यार के रिश्तें टूटे तो, प्यार के रस्ते छूटे तोरास्ते में फिर वफ़ायें पीछा करती हैं

कभी कभी मन धूप के कारण तरसता हैंकभी कभी फिर झूम के सावन बरसता हैंपलक झपकें यहा मौसम बदल जायेप्यास कभी मिटती नही, एक बूँद भी मिलती नहीऔर कभी रिमझिम घटायें पीछा करती हैं

Ici on peut trouver les paroles de la chanson Admi Jo Kehta Hai (आदमी जो कहता हैं ) de Kishore Kumar. Ou les paroles du poème Admi Jo Kehta Hai (आदमी जो कहता हैं ). Kishore Kumar Admi Jo Kehta Hai (आदमी जो कहता हैं ) texte. Peut également être connu par son titre Admi Jo Kehta Hai आदमी जो कहता हैं (Kishore Kumar) texte.