ऐ मालिक तेरे बंदे हम (Ae Malik Tere Bande Hum)
ऐ मालिक तेरे बंदे हम, ऐसे हो हमारे करमनेकी पर चले, और बदी से टले, ताकी हसते हुये निकले दम
ये अंधेरा घना छा रहा, तेरा इन्सान घबरा रहाहो रहा बेख़बर, कुछ ना आता नज़र, सुख का सूरज छुपा जा रहाहैं तेरी रोशनी में जो दम, तो अमावस को कर दे पूनम
बड़ा कमजोर हैं आदमी, अभी लाखों हैं इस में कमीपर तू जो खड़ा, हैं दयालू बड़ा, तेरी क्रिपा से धरती थमीदिया तूने हमें जब जनम, तू ही झेलेगा हम सब के गम
जब जुल्मों का हो सामना, तब तू ही हमें थामनावो बुराई करे, हम भलाई भरे, नहीं बदले की हो कामनाबढ़ उठे प्यार का हर कदम और मीटे बैर का ये भरम