आ के तेरी बाहों में (Aa Ke Teri Bahon Mein)
आ के तेरी बाहों में, हर शाम लगे सिंदूरीमेरे मन को महकाए, तेरे मन की कस्तूरी
महकी हवायें उड़ता आँचल, लट घूँघराले काले बादलप्रेम सुधा नैनों से बरसे, पी लेने को जीवन तरसेबाहों में कस लेने दे, प्रीत का चुंबन देने देइन अधरों से छलक ना जाए, यौवन रस अंगूरी
सुंदरता का बहता सागर, तेरे लिए हैं रूप के बादलइंद्रधनुष के रंग चुराऊ, तेरी जुल्मी माँग सजाऊदो फूलों के खिलाने का, वक्त यही हैं मिलने काआजा मिल के आज मिटा दे, थोड़ी सी ये दूरी