Shreya Ghoshal "Silsila Ye Chaahat Ka (सिलसिला यह चाहत का)" testo

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Silsila Ye Chaahat Ka (सिलसिला यह चाहत का)

मौसम ने ली अंगडाई,लहराके बरखा फिर छाईझोंका हवा का आयेगा,और यह दिया बुझ जायेगा

सिलसिला यह चाहत का, ना मैंने बुझने दियाओ पिया,ये दियाना बुझा हैं, ना बुझेगामेरी चाहत का दिया

मेरे पिया अब आजा रे मेरे पिया

इस दिये संग जल रहामेरा रोम रोम

और जियाअब आजा रे मेरे पियामेरे पिया अब आजा रे मेरे पिया

फासला था दूरी थी,था जुदाई का आलमइंतजार में नजरें थी, औरतुम वहा थेझिलमिलाते जगमगातेखुशियों में झुमकर

और यहा जल रहे थे हम

फिर से बादल गरजा हैं,गरज गरज के बरसा हैंघुम के तुफान आया हैंपर तुझ को बुझा नहीं पाया हैं

ओ पिया, यह दियाचाहे जितना सताये तुझे यह सावनयह हवा और यह बिजलीयाँ

मेरे पियाअब आजा रे मेरे पियामेरे पिया अब आजा रे मेरे पिया

देखो ये पगली दिवानी,दुनियाँ से हैं यह अंजानीझोंका हवा का आयेगा औरइस का पिया संग लायेगा

ओ पिया,अब आजा रे मेरे पियासिलसिला यह चाहत का ना दिल से बुझने दिया

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