कभी जो बादल बरसे
कभी जो बादल बरसेमैं देखूं तुझे आँखें भर केतू लगे मुझे पहली बारिश की दुआ
तेरे पहलू में रह लूंमैं ख़ुद को पागल कह लूंतू ग़म दे या ख़ुशियाँ सह लूं साथिया
कोई नहीं तेरे सिवा मेरा यहाँमंज़िलें हैं मेरी तो सब यहाँमिटा दे सभी आजा फ़ासलेमैं चाहूँ मुझे मुझसे बाँट लेज़रा सा मुझमें तू झाँक लेमैं हूँ क्या
पहले कभी ना तूने मुझे ग़म दियाफिर मुझे क्यूँ तन्हा कर दियागुज़ारे थे जो लम्हें प्यार केहमेशा तुझे अपना मान केतो फिर तूने बदली क्यूँ अदाये क्यूँ किया
कभी जो बादल बरसे...मैं देखूं तुझे आँखें भर केतू लगे मुझे पहली बारिश की दुआ
तेरे पहलू में रह लूंमैं ख़ुद को पागल कह लूंतू ग़म दे या ख़ुशियाँ सह लूं साथिया